हैकर्स ने फ्लिपकार्ट फेस्टिव सेल के दौरान शॉपिंग करने वालों को निशाना बनाया, छोटे शहर-कस्बों के लोगों को फंसाते थे



चीन स्थित हैकिंग ग्रुप भारतीयों पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और शुक्रवार को सामने आई एक नई रिपोर्ट ने खुलासा किया गया है कि चीन के गुआंग्डोंग और हेनान प्रांत के धोखेबाजों ने फ्लिपकार्ट फेस्टिव सीजन सेल्स के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को निशाना बनाया।

नई दिल्ली स्थित साइबरपीस फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि- सबसे बड़ी फेस्टिव सेल में हैकिंग की शुरुआत 'स्पिन द लकी व्हील स्कैम' के जरिए शुरू हुई, जो फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन डेज सेल का हिस्सा थी, कंपनी ने अक्टूबर में इस सेल की घोषणा की थी।

चीनी स्कैमर ने इस अवसर का उपयोग 'अमेजन बिग बिलियन डे सेल' नाम की एक समान दिखने वाले स्कैम को बनाने के लिए किया (अमेजन की फेस्टिव सेल को 'ग्रेट इंडियन फेस्टिवल' कहा जाता है)।

मोबाइल जीतने का लालच देकर ऐसे करते थे ठगी

  • भारत में इंटरनेट यूजर्स को एक लिंक पर क्लिक करने और एक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए नकली लिंक भेजे गए थे, जहां लोग ओप्पो एफ17 प्रो (मैट ब्लैक, 8 जीबी रैम, 128 जीबी स्टोरेज) स्मार्टफोन जीत सकते थे।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों को विश्वास में लिया गया था कि उन्होंने फोन को जीता है, उन्हें वॉट्सऐप के माध्यम से अपने दोस्तों और परिवार के साथ लिंक शेयर करने के लिए कहा गया।
  • सभी डोमेन लिंक चीन में विशेष रूप से गुआंग्डोंग और हेनान प्रांत में 'फांग जिओ किंग' नामक एक संगठन में रजिस्टर्ड पाए गए।
  • रिपोर्ट में बताया गया है कि- हैकर्स ने इन डोमेन को अलीबाबा के क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड किया था।
  • साइबरपीस फाउंडेशन के फाउंडर और प्रेसिडेंट विनीत कुमार ने कहा, "ई-कॉमर्स घोटाले नए नहीं हैं, लेकिन खतरनाक बात यह है कि गुप्त साइबर युद्ध चीन की सरकारें बार-बार भारत में शुरू कर रही हैं।" 'स्पिन ऑफ द व्हील' स्कैम कोई नई घटना नहीं है और पिछले कुछ वर्षों से ऐसा हो रहा है।
  • कुमार कहते हैं, "शोध कहता है कि भारत में 100 मिलियन से अधिक ऑनलाइन शॉपर्स हैं और जितने अधिक लोग ऑनलाइन के लिए आते हैं, हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह के घोटाले अधिक होंगे।"

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इस साल फेस्टिव ऑनलाइन सेल में सालाना आधार पर 65% की बढ़त
भारत में फेस्टिव ऑनलाइन सेल ने 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच इंडस्ट्री ने लगभग $8.3 बिलियन (लगभग 61,253 करोड़ रुपए) का कारोबार किया, जो सालाना आधार पर 65 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि है।

छोटे शहरों-कस्बों में जमकर की गई ऑनलाइन शॉपिंग

  • होमग्राउन कंसल्टिंग फर्म रेडसीर के मुताबिक, इस साल ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी) की संख्या पिछले साल के 5 बिलियन डॉलर से बढ़कर 8.3 बिलियन डॉलर हो गई है, जो छोटे शहरों और कस्बों से आने वाले बड़े ऑर्डर की बदौलत रही।
  • मार्केट रिसर्च फर्म के अनुसार, पूरे बिक्री महीने में फ्लिपकार्ट ग्रुप कुल बिक्री के 66 प्रतिशत हिस्से के साथ अग्रणी के रूप में उभरा।
  • कुमार के अनुसार, इन घोटालों के माध्यम से इकट्ठा की गई जानकारी का उपयोग इस तरह के अधिक साइबर हमलों को करने के लिए किया जा सकता है, "विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों में इंटरनेट यूजर्स को लक्षित किया जाता है, जहां ऐसे घोटालों के बारे में जागरूकता कम है।"

अभी भी लाइव है ये खतरनाक लिंक

  • चीनी हैकर्स ने बेल्जियम और अमेरिका में ऑनलाइन लिंक की मेजबानी की।
  • रिपोर्ट में कहा गया है, "आज की बात करें तो ये लिंक अभी भी चालू और सक्रिय हैं।
  • हैकर्स ने प्रतियोगिता को वैध बनाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट बनाने के लिए नकली इमेज और कमेंट्स का इस्तेमाल किया।"
  • इन अकाउंट्स में से एक इमेज का उपयोग भारत में एक कॉल गर्ल सर्विस के लिए पहले किया गया था। यूज किए गए कमेंट की प्रकृति भी एक-दूसरे के समान थीं।

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यूआरएल पर क्लिक करते ही नकली लिंक पर पहुंचता है यूजर

  • साइबरपीस फाउंडेशन ने लिंक की जांच करने के लिए ओपन-सोर्स इन्वेस्टिगेटिव तरीके तैनात किए और पाया कि सभी डोमेन लिंक चीन में रजिस्टर्ड पाए गए।
  • प्रतियोगिता के लिए उपयोग किया जाने वाला यूआरएल उन सभी मल्टीपल साइटों पर भेजता हैं, जो नकली हैं।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि बिग बिलियन डेज फ्लिपकार्ट का एक कैंपेन है, लेकिन हैकर्स ने कैंपेन में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक हित का इस्तेमाल किया, जिससे ऐसा लगे जैसे प्रतियोगिता अमेजन द्वारा चलाई जा रही थी।

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रिपोर्ट में कहा गया है, “आज की बात करें तो ये लिंक अभी भी चालू और सक्रिय हैं।

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